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सोमवार, 24 नवंबर 2014

जानिए चमत्कारी रामायण की चौपाइयां जो आपकी सारी परेशानियो को दूर कर देगी –

रामचरितमानस की कुछ चौपाइयां सिरदर्द से लेकर घर या नौकरी से जुड़ी कई परेशानियों से भी छुटकारा पाने के लिए बड़ी शुभ होंगी। इन परेशानियों का सामना हर व्यक्ति दैनिक जीवन में करता है।  रामचरित मानस की इन चौपाइयों को बोलने से पहले श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान सहित राम दरबार की पूजा करें। यथासंभव शांत जगह व बनारस यानी काशी की ओर मुंह कर 108 बार बोलें, क्योंकि माना जाता है कि मानस स्वयं काशी विश्वनाथ द्वारा प्रमाणित की गई है।

1. पढ़ाई या किसी भी परीक्षा में कामयाबी के लिए-

जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥

मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥

2. शादी के लिए -

तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।

मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥

3. पुत्र पाने के लिए -

प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।

सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।

4. जहर उतारने के लिए -

नाम प्रभाउ जान सिव नीको।

कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

5.सिरदर्द या दिमाग की कोई भी परेशानी दूर करने के लिए रामायण की यह चौपाई बेहद असरदार मानी गई है -

हनुमान अंगद रन गाजे।

हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।

6. मनचाही नौकरी पाने या किसी भी कारोबार की सफलता के लिए -

बिस्व भरण पोषन कर जोई।

ताकर नाम भरत जस होई।।

7. धन-दौलत, सम्पत्ति पाने व बढ़ाने के लिए -

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।

सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

8. नजर उतारने के लिए -

स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी।

निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

9. खोई वस्तु या व्यक्ति पाने के लिए-

गई बहोर गरीब नेवाजू।

सरल सबल साहिब रघुराजू।।

10. हनुमानजी की कृपा के लिए -

सुमिरि पवनसुत पावन नामू।

अपनें बस करि राखे रामू।।

11. सभी तरह के संकटनाश या भूत बाधा दूर करने के लिए -

प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।

जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥

12. यज्ञोपवीत पहनने व उसकी पवित्रता के लिए -

जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।

पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।

13. किसी सफ़र पर निकलने से पहले या सफल व कुशल यात्रा के लिए -

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा।

ह्रदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

14. शत्रुता मिटाने के लिए -

बयरु न कर काहू सन कोई।

राम प्रताप विषमता खोई॥

15. बीमारियां व अशान्ति दूर करने के लिए -

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

16. अकाल मृत्यु भय व संकट दूर करने के लिए -

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।

लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।

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